Wish you all a very Happy Father’s Day
اس لئے وہ شہزادی آج تک کنواری ہے
نظر بھوپالی
बाप बोझ ढोता था क्या जहेज़ दे पाता
इस लिए वो शहज़ादी आज तक कुँवारी है
मंज़र भोपाली
بچے میری انگلی تھامے دھیرے دھیرے چلتے تھے
پھر وہ آگے دوڑ گئے میں تنہا پیچھے چھوٹ گیا
خالد محمود
बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थे
फिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया
ख़ालिद महमूद
ان کا اٹھنا نہیں ہے حشر سے کم
گھر کی دیوار باپ کا سایا
इन का उठना नहीं है हश्र से कम
घर की दीवार बाप का साया
وہ پیڑ جس کی چھاؤں میں کٹی تھی عمر گاؤں میں
میں چوم چوم تھک گیا مگر یہ دل بھرا نہیں
حماد نیازی
वो पेड़ जिस की छाँव में कटी थी उम्र गाँव में
मैं चूम चूम थक गया मगर ये दिल भरा नहीं
हम्माद नियाज़ी
میں نے ہاتھوں سے بجھائی ہے دہکتی ہوئی آگ
اپنے بچے کے کھلونے کو بچانے کے لیے
شکیل جمالی
हड्डियाँ बाप की गूदे से हुई हैं ख़ाली
कम से कम अब तो ये बेटे भी कमाने लग जाएँ
रऊफ़ ख़ैर
باپ کا ہے فخر وہ بیٹا کہ رکھتا ہو کمال
دیکھ آئینے کو فرزند رشید سنگ ہے
میر محمدی بیدار
बाप का है फ़ख़्र वो बेटा कि रखता हो कमाल
देख आईने को फ़रज़ंद-ए-रशीद-ए-संग है
मीर मोहम्मदी बेदार
میں اپنے باپ کے سینے سے پھول چنتا ہوں
سو جب بھی سانس تھمی باغ میں ٹہل آیا
حماد نیازی
मैं अपने बाप के सीने से फूल चुनता हूँ
सो जब भी साँस थमी बाग़ में टहल आया
हम्माद नियाज़ी
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