Funny Shayari - Bijli Funny Shayari
Shayari is used to convey the sentiment of love. Beautifully written and narrated Shers makes it easy for a lover to pour his or her heart in front of the lover. Enjoy the huge collection of Funny Shayari. Shayari is a unique poetic way to express yourself and express your feelings deep in your heart. Comedy Shayari
ساکٹ تو موجود ہے لیکن، بجلی بهی تو ہو
پانامہ کے پیچهے پڑے ہو، پانی بهی تو ہو
گیس پریشر کم ہے چولها کیسے پکڑے آگ
بجلی کو ہی روتے رہو گے، روٹی بهی تو ہو
بارش تو صحراوں میں بهی ہو ہی جاتی ہے
قوس قزح ہو فلک پر، بیر بہوٹی بهی تو ہو
باس کوئی ہو، سیکرٹری وہ چن کر رکهتا ہے
انگریزی تو ہو، پر دل آویزی بهی تو ہو
یونہی بلاک ٹریفک ہو جاتی ہے دساور میں
تانگے اور رکشے کی افراتفری بهی تو ہو
ڈاون ٹاون کیسے کیسے چہرے دکهے لیکن
اس مہ وش کی کوئی فوٹو کاپی بهی تو ہو
کب تک صبح سویرے بنده کهائے فول تمیس
دل کرتا ہے اک دن باقر خانی بهی تو ہو
ٹسٹ کرکٹ کے میداں کیوں خالی خالی ہیں
ان سیٹوں پر اک آدهہ تماشائی بهی تو ہو
انگلش کا ٹیچر تو بن بیٹها وہ سفارش پر
انگلش میں تهوڑی سی پرافیشنسی بهی تو ہو
فرنیچر کی دکانیں سارے یورپ میں دیکهیں
ایک کمی ہے، کوئی لکڑ منڈی بهی تو ہو
تیرا عقد ثانی کرا تو دوں میں بیبانی
تیری پہلی بیوی اس پر راضی بهی تو ہو
محمد سعید کریم بیبانی
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सॉकेट है, लेकिन बिजली भी है
पनामा के पीछे है पानी
गैस का दबाव कम है चूल्हे में आग कैसे लगती है?
बिजली के लिए रोते रहोगे रोटी के लिए भी
रेगिस्तान में भी बारिश होती है
आसमान पर इंद्रधनुष होने दो, एक बियर होने दो
बॉस जो भी हो, सचिव चुनता है
अंग्रेजी हो, लेकिन दिल को छू लेने वाली भी
दशवर में ऐसे होता है जाम
रिक्शा और रिक्शा में हो सकती है अव्यवस्था
डाउनटाउन चेहरे कैसे दिखाएं लेकिन
इस संदेश की एक फोटोकॉपी हो सकती है
नौकर सुबह-सुबह मूर्ख तामिस कब तक खायेगा?
दिल एक दिन बाकिर खानी के लिए तरसता है
क्यों खाली हैं टेस्ट क्रिकेट के मैदान
इन सीटों पर आधा दर्शक भी है
सिफारिश पर वे अंग्रेजी के शिक्षक बने
अंग्रेजी में थोड़ा सा भी व्यावसायिकता
पूरे यूरोप में फर्नीचर स्टोर खोजें
लकड़ी बाजार हो तो भी कमी है
अगर मैं आपका अनुबंध नवीनीकृत करता हूं, तो मैं अवाक रह जाऊंगा
भले ही आपकी पहली पत्नी इसके लिए राजी हो जाए
मुहम्मद सईद करीम बिबानी
جیسے ہی تیری آنکھوں کے تِیر چلے
زخمی ہو کر ہم جیسے بھی پِیر چلے
سونگھ کر تیرے بدن کی خُوشبُو
چوکھٹ پہ تیری صدا لگانے فقیر چلے
جو دیکھا تھاپچھلی شب خواب ہم نے
معلوم کرنے اُس کی ہم تعبیر چلے
عرش پر فرشتے سا بھیس بنائے
کھینچنے قسمت کی اِک اور لکیر چلے
روزِ محشر اعمال اپنے کی کیا کہیئے
جہاں سے ہم لے تیری تصویر چلے
کِھل اُٹھتے ہیں دیکھتے ہی پھول کئی
گُلشن میں جب حُسن کی ہیر چلے
وہ ہم سے سر گِراں بھی تھے لیکن
قدم اُٹھائے وہ ہماری اوڑھ اخیر چلے
عِشق کیا ، گناہ کیا ، کُچھ خبر نہیں
لوگ کہتے ہیں کر تُم گُناہِ کبیر چلے
وہ گہرے زخموں کے ڈھیر لگائے شوخ
میرے گُلاب سے دل کو آہ چیر چلے
قاسم شوخ
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आँखों के बाण जाते ही
घायल और हमारी तरह चल पड़े
अपने शरीर की सुगंध को सूंघें
अपनी आवाज सुनने के लिए गरीबों को दहलीज पर जाने दें
कल रात हमने एक सपना देखा था
चलो पता करते हैं
अपने आप को सिंहासन पर एक दूत के रूप में प्रच्छन्न करें
आइए भाग्य की एक और रेखा खींचते हैं
क़यामत के दिन आप अपने कर्मों के बारे में क्या कहते हैं?
हम जहां भी आपकी तस्वीर लेते हैं
देखते ही देखते कई फूल खिल जाते हैं
गुलशन में जब चला गया खूबसूरती का हीरा
वो भी हमसे हीन थे, लेकिन
उसने एक कदम उठाया और हमसे दूर चला गया
प्यार किया, पाप किया, कोई खबर नहीं
लोग कहते हैं कि तुमने बहुत बड़ा पाप किया है
उन्होंने गहरे घावों को ढेर कर दिया
मेरा गुलाब मेरे दिल को चीर देता है
कासिम शोखो
نہیں تها رابطہ اس سے ہمارے خواب روتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
اسے گهر فون کرنا ہو تو بس اک لینڈ لائن تهی
وہ جس پہ اسکی اماں پہرہ دینے والی ڈائن تهی
صدا بهی ہوبہو اسکی مرے دلبر سی فائن تهی
غلطی سے ہم اپنے دکهڑے اسکے آگے روتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
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ہمارے عہد میں نیٹ تها نہ ہی ای میل ہوتی تهی
محبت دو طرف سے ہوتی پهر بهی فیل ہوتی تهی
جو بهی حد ادب سے بڑهتا اسکو جیل ہوتی تهی
سب اپنے عشق کی مالا میں اشکوں کو پروتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
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وہ اک مس کال کر دیتی تو کیا سے کیا نہ ہو جاتا
وہ مجهہ سے ملنے آتی یا میں اس کے گهر سے ہو آتا
اسی باعث اور اس دوران رشتہ پکا ہو جاتا
مگر وہ روزوشب تو خار تنہائی چبهوتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
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پهر اک دن فیصلہ کن مرحلہ تعزیر کا آیا
مری کالوں سے نالاں اسکا بهائی کزنوں کو لایا
مرے سر سے انهوں نے بهوت چاہت کا اتروایا
پهر اس دن چهالیہ تها دل مرا وہ سب سروتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
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وہ اب ای میل ایڈریس دے تو اسکا فائدہ کیا ہے
جو چڑیاں چگ گئیں ہیں کهیت، کهیتوں میں بچا کیا ہے
کوئی بچہ ہی اٹهہ کے پوچهے گا یہ سلسلہ کیا ہے
سنہری وقت تها جس دم ، نصیبے اپنے سوتے تهے
جوانی ہم پہ جب آئی تو موبائل نہ ہوتے تهے
محمد سعید کریم بیبانی
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उससे कोई संपर्क नहीं , हमारे सपने रो रहे थे
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
उसे बस घर बुलाना था
जिसकी माता संरक्षक चुड़ैल थी
आवाज बहुत प्यारी थी
गलती से हम उसके सामने रो पड़े
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
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हमारे जमाने में न तो नेट हुआ करता था और न ही ईमेल
प्यार दोतरफा होता है, लेकिन असफल हो जाता है
जो भी साहित्य से परे गया उसे कैद कर दिया गया
सब अपने प्यार की माला में रो रहे थे
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
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मिस कॉल करती तो क्या होता?
वो मुझसे मिलने आती या मैं उसके घर से
इस वजह से होते थे रिश्ते परिपक्व
लेकिन उस दिन वे एकांत में काटेंगे
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
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फिर एक दिन सजा का निर्णायक चरण आ गया
मरे अपने भाई चचेरे भाइयों को अश्वेतों के पास ले आए
मरे के सिर से उसने बहुत सारी इच्छाएँ उतारीं
फिर उस दिन छियालीस दिल मर गए
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
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एक वेब साइट कितनी अच्छी है यदि वह वहां मौजूद हर चीज के साथ "मिश्रण" करती है?
जो पक्षी खेतों में मर गए हैं, उनके पास क्या बचा है?
एक बच्चा उठकर पूछेगा कि यह श्रंखला क्या है?
वह सुनहरा समय था जब नियति सो रही थी
जब युवा हमारे पास आए तो हम मोबाइल नहीं थे
मुहम्मद सईद करीम बिबानी
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